सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी कर्नाटक के इरप्पा सिद्दप्पा की अपील पर की, जिन्हें निचली अदालत ने पांच साल की बच्ची के अपहरण, बलात्कार और हत्या का दोषी ठहराते हुए मौत की सज़ा सुनाई थी. हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फ़ैसले को बरक़रार रखा था, हालांकि शीर्ष अदालत ने इसे आजीवन कारावास में बदल दिया.