इसी के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर दर्ज मामले हटाए जाएंगे. विधेयक को राज्यपाल की मंज़ूरी मिलने के बाद प्रदेश के 20 हज़ार राजनीतिक मुक़दमे ख़त्म हो जाएंगे.
साल 1995 में निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला, भाजपा विधायक शीतल पांडेय और 10 अन्य लोगों के ख़िलाफ़ गोरखपुर ज़िले के पीपीगंज थाने में केस दर्ज हुआ था.