बीते मार्च महीने में टीएमसी नेता भादू शेख़ की हत्या के बाद पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले के बोगतुई गांव में हुई हिंसा और आगज़नी में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में बीते चार दिसंबर को मुख्य आरोपी ललन शेख़ को गिरफ़्तार किया गया था, जिसका शव रामपुरहाट स्थित एक अतिथि गृह में बने सीबीआई के अस्थायी कार्यालय में मिला है.
पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले के रामपुरहाट क़स्बे के पास बोगतुई गांव में 22 मार्च को तड़के कुछ मकानों में कथित तौर पर आग लगा देने से दो बच्चों सहित आठ लोगों की झुलसकर मौत हो गई थी. आग से झुलसी एक अन्य महिला की मौत बीते 28 मार्च को हुई थी. आरोप है कि यह घटना सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पंचायत अधिकारी की हत्या के प्रतिशोध स्वरूप हुई थी.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल से मामले के काग़ज़ात और गिरफ़्तार लोगों को सीबीआई के सुपुर्द करने को कहा. बीरभूम ज़िले के बोगतुई गांव में 22 मार्च को पंचायत स्तर के टीएमसी नेता की कथित हत्या के कुछ घंटों के बाद क़रीब एक दर्जन मकानों में आग लगने से दो बच्चों समेत कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी.
पश्चिम बंगाल में पहले वाम हिंसा का बोलबाला था, वही संस्कृति तृणमूल ने अपनाई. तृणमूल ने वाम हिंसा का सामना किया था, पर उसकी जगह अब उसने तृणमूल हिंसा स्थापित कर दी. दल भले बदल गए, लेकिन हिंसा बनी हुई है.
बीरभूम ज़िले के बोगतुई गांव में 22 मार्च को पंचायत स्तर के टीएमसी नेता की कथित हत्या के कुछ घंटों के बाद क़रीब एक दर्जन मकानों में आग लगने से दो बच्चों समेत कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी. इसे लेकर विपक्षी भाजपा ने टीएमसी पर निशाना साधा है, वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि हिंसा की ऐसी घटनाएं पेट्रोल और अन्य वस्तुओं के दामों में वृद्धि जैसे मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए रची गई
पश्चिम बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट का मामला. पुलिस ने बताया कि यह घटना सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के पंचायत स्तर के एक नेता की कथित हत्या के एक घंटे के भीतर हुई है. राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि बंगाल हिंसा की संस्कृति की गिरफ़्त में है. गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है.