दिल्ली हाईकोर्ट ने अधीनस्थ न्यायिक अधिकारियों के कामकाज के कारण कोविड-19 संक्रमण की गिरफ़्त में आने की आशंका पर चिंता प्रकट करते हुए यह टिप्पणी की. अदालत ने कहा कि उसका प्राथमिक दृष्टिकोण है कि उनके साथ सशस्त्र बलों और पुलिस बल के कर्मचारियों की भांति अग्रिम मोर्चे के कर्मचारियों की तरह बर्ताव किया जाना चाहिए और सरकार इस पर विचार करे.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 25,772,440 हो गई है, वहीं इस महामारी से मृतक संख्या बढ़कर 287,122 हो चुकी है. विश्व में संक्रमण के मामले 16.46 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं, जबकि 34.17 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
केंद्रीय सूचना आयोग स्वास्थ्य मंत्रालय के ख़िलाफ़ जानकारियां छिपाने को लेकर दायर शिकायतों पर सुनवाई कर रहा था, जहां एक आरटीआई आवेदन के जवाब में मंत्रालय के अधिकारी ने कोरोना टीकाकरण से संबंधित सूचनाओं का खुलासा करने से इनकार कर दिया था.
भारत में कोरोना वायरस महामारी के एक दिन में 267,334 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 25,496,330 हो गई, जबकि मृतक संख्या 283,248 हो चुकी है. विश्व में संक्रमण के 16.42 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं, जबकि मृतकों का आंकड़ा 34 लाख के पार हो गया है.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसे सही वैक्सीन नीति लागू करने को लेकर कार्यपालिका की बुद्धि पर भरोसा करना चाहिए. पर हक़ीक़त यह है कि भारत में स्पष्ट तौर पर कोई भी घोषित राष्ट्रीय वैक्सीन नीति है ही नहीं. सच यह भी है कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अमल के लिए केंद्र और राज्य अलग इकाइयों के तौर पर काम नहीं कर सकते हैं.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले 25,228,996 हो गए हैं और अब तक यह महामारी 278,719 लोगों की जान ले चुकी है. दुनिया में संक्रमण के 16.36 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और 33.90 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
23 अप्रैल के बाद से भारत में पहली बार बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के तीन लाख से कम नए मामले दर्ज किए हैं. इसके साथ देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 24,965,463 हो गई है और मौत का आंकड़ा बढ़कर 274,390 हो गया है. विश्व में संक्रमण के कुल मामले 16.27 करोड़ से ज़्यादा दर्ज किए गए हैं, जबकि 33.75 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले 24,684,077 पर पहुंच गए हैं और अब तक 270,284 लोगों की मौत हो चुकी है. विश्व में संक्रमण के 16.25 करोड़ से ज़्यादा मामले आए हैं, जबकि 33.69 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के कहा कि महामारी के बाद यदि हम समाज के बारे में गंभीरता से सवाल नहीं उठाते हैं तो यह महामारी जितनी ही बड़ी त्रासदी होगी. उन्होंने कहा कि महामारी के चलते भारत के लिए यह त्रासदी भरा समय है और इस महामारी का एक प्रभाव यह है कि कई जगहों पर विभिन्न कारणों के चलते सरकार लोगों की मदद के लिए मौजूद नहीं थी.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 24,372,907 हो गए हैं, जबकि इस महामारी से जान गंवाने वालों को आंकड़ा बढ़कर 266,207 हो चुका है. विश्व में संक्रमण के 16.19 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और 33.57 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की आंकड़ा बढ़कर 24,046,809 हो गया हैं, जबकि मृतक संख्या बढ़कर 262,317 हो गई है. ये लगातार 22वां दिन है, जब देश में बीते एक दिन में तीन लाख से अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं. विश्व में संक्रमण के 16.11 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं, जबकि 33.44 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि सरकार को नया सोचने की ज़रूरत है. एक ही संदेश बजाने की जगह अलग-अलग संदेश तैयार करने चाहिए. अदालत ने कहा कि टीवी प्रस्तोता और निर्माताओं से लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम बनाने और अमिताभ बच्चन जैसे लोकप्रिय लोगों से इसमें मदद करने को कहा जा सकता है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि जब टीकाकरण केंद्रों पर जाने में असमर्थ वरिष्ठ नागरिकों के जीवन का सवाल है, तो घर-घर जाकर टीकाकरण का कार्यक्रम क्यों शुरू नहीं किया जाता? इसके अलावा अदालत ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका से यह जानना चाहा कि बेघर लोगों, भिखारियों और सड़कों पर रह रहे लोगों के टीकाकरण के लिए उसकी क्या योजना है?
भारत में 23 अप्रैल के बाद से ये लगातार 21वां दिन है, जब कोरोना वायरस संक्रमण के तीन लाख से अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं. इसके साथ ही संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 23,703,665 हो गए हैं और मृतकों की संख्या 258,317 हो गई है.
भारत कोविड महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है और अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन, टीका और दवाइयों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची ने कहा कि हमें अपने स्थानीय सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का निर्माण जारी रखने की ज़रूरत है.