आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड की रक्षा की ख़ातिर राज्य सरकार, इस्पात मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने को तैयार है. यह उपक्रम 20,000 लोगों को सीधे तौर पर तथा अन्य लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर रोज़गार देता है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके निजीकरण को मंज़ूरी दे दी है.
आंध्र प्रदेश में विशाखापट्टनम उत्तरी सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले श्रीनिवास राव ने कहा कि निर्णय लेने से पहले, घाटा क्यों कर रहा है, इसकी समीक्षा भी आवश्यक है. उधर, निजीकरण के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में स्टील प्लांट से संबद्ध मज़दूर संघों का विरोध जारी है.