भारतीय रेलवे की ओर से कहा गया है कि अधिकारी को अधिकारियों को बर्ख़ास्त करने के अलावा अलावा 139 अधिकारियों पर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए दबाव डाला जा रहा है, जबकि 38 को हटा दिया गया है.
बीते पांच जुलाई को जारी शासनादेश के अनुसार, उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी विभागों को 31 जुलाई तक ऐसे कर्मचारियों की स्क्रीनिंग का काम पूरा कर 15 अगस्त तक इसकी सूचना कार्मिक विभाग को देने को कहा गया है.
भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग को जुलाई 2019 में वित्त मंत्रालय से बिजली मंत्रालय में स्थानातंरित किया गया था, जिसके बाद उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया था और उन्हें 31 अक्टूबर 2019 को कार्यमुक्त कर दिया गया.
ऑल यूनियंस एंड एसोसिएशंस ऑफ बीएसएनएल ने एक बयान में कहा कि इस हड़ताल की प्रमुख वजह बीएसएनएल के पुनरोद्धार पैकेज को अमल में लाने में देरी और कर्मचारियों की शिकायतों का निवारण है.
वित्तीय संकट से जूझ रहीं सरकारी दूरसंचार कंपनियों- बीएसएनएल और एमटीएनएल ने नवंबर की शुरुआत में अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) योजना पेश की थी. बीएसएनएल के प्रबंधन ने दावा किया था कि कुल 1.6 लाख कर्मचारियों में से 77 हज़ार कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है.
बीते बुधवार को जारी एक आदेश के तहत सुभाष चंद्र गर्ग को बिजली सचिव बना दिया गया. बिजली मंत्रालय को वित्त मंत्रालय की तुलना में हल्का विभाग माना जाता है.