वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक 2024 पर बनी संयुक्त संसदीय में शामिल विपक्षी दल के सदस्यों का कहना है कि कई राज्य सरकारों और विभिन्न हितधारकों ने अभी अपने विचार समिति के समक्ष नहीं रखे हैं, इसलिए और समय दिया जाना चाहिए. समिति को शीतकालीन सत्र में ही अपनी रिपोर्ट सौंपनी है.
तीन विपक्षी सांसदों का कहना है कि उनकी शिकायतों का समाधान का आश्वासन देने के बावजूद जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने राज्य का दौरा जारी रखा है. विपक्षी सांसदों ने पांच राज्यों के दौरे का बहिष्कार करते हुए आरोप लगाया कि जगदंबिका पाल के नेतृत्व में हो रही बैठकों में कोरम पूरा नहीं है.
वक़्फ़ संशोधन विधेयक पर गठित जेपीसी में शामिल विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों ने समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर 'मनमाने ढंग से कार्यवाही बाधित' करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर समिति में उनकी बात को अनसुना किया गया, तो वे कमेटी छोड़ने को मजबूर होंगे.
आरोप है कि वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक को लेकर गठित संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने आक्रोश में एक कांच की बोतल तोड़ दी, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया.
जहां एक तरफ केरल विधानसभा में वक़्फ़ बिल के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पेश हुआ है, वहीं दिल्ली में वक़्फ़ विधेयक पर बनी जेपीसी की बैठक से दो दिनों में दूसरी बार विपक्ष के सांसदों ने वॉकआउट किया. विपक्षी सांसदों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नाम का उल्लेख किए जाने पर आपत्ति जताई थी.
विश्व हिंदू परिषद के विधि प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित बैठक में केंद्रीय क़ानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल हुए, जिसमें वाराणसी और मथुरा के मंदिरों से जुड़े क़ानूनी विवाद, वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक के साथ-साथ धर्मांतरण के मुद्दे पर चर्चा की गई.
केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दल जनता दल (यूनाइटेड) ने वक़्फ़ संशोधन विधेयक को शुरुआत में समर्थन दिया था. तब से जदयू में आंतरिक असंतोष है. इससे पहले भाजपा के अन्य सहयोगी दलों, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी, ने भी विधेयक पर सवाल उठाए थे.
वक़्फ़ एक विशेष मुस्लिम क्षेत्र है क्योंकि यह सदियों से मुस्लिम संपत्तियों के दान से उपजा है, लेकिन मोदी सरकार इसे पचा नहीं पाई. वक़्फ़ संशोधन विधेयक के ज़रिये इस सरकार का मुस्लिम विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया है.
गुरुवार को विपक्ष द्वारा लोकसभा में वक़्फ़ संशोधन विधेयक का ज़ोरदार विरोध देखने को मिला, जिसके बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजे जाने का प्रस्ताव किया गया.