निर्दलीय उम्मीदवार और खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ता अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र से और सरबजीत सिंह खालसा ने फरीदकोट (आरक्षित) लोकसभा सीट से जीत दर्ज कर पंजाब की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है.
डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल के अधीक्षक निपेन दास को कट्टरपंथी सिख नेता अमृतपाल सिंह के सेल में स्मार्टफोन और स्पाई-कैम पेन सहित इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पहुंचाने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है. उधर, अमृतपाल सिंह के परिजनों का आरोप है कि अमृतपाल समेत उस मामले में गिरफ़्तार क़ैदियों के साथ साज़िश की जा रही है.
मीडिया में आईं कुछ ख़बरों के अनुसार, खिख कट्टरपंथी नेता अमृतपाल सिंह ने पंजाब के मोगा ज़िले के रोडे गांव में सरेंडर किया है, हालांकि राज्य पुलिस ने इससे इनकार करते हुए उसे गिरफ़्तार करने की बात कही है. रोडे गांव दिवंगत सिख आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का जन्म स्थान है, जिसे अमृतपाल अपना आदर्श मानता है.
खालिस्तान समर्थक सिख कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस ने बीते 18 मार्च को तलाशी अभियान शुरू किया था, लेकिन अब तक उसे सफलता नहीं मिल सकी है. बीते दिनों अमृतपाल सिंह के सहयोगियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुआ था. उस पर पाकिस्तानी ख़ुफिया एजेंसी आईएसआई और विदेशों स्थित कुछ आतंकवादी समूहों के साथ घनिष्ठ संबंध होने का भी आरोप है.
वीडियो: पंजाब में हाल ही में ‘वारिस पंजाब दे’ नामक संगठन के सदस्यों ने अमृतसर के अजनाला में जमकर बवाल किया. इस दौरान अजनाला थाने पर भी हमला किया गया. ये लोग संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के क़रीबी लवप्रीत तूफान की गिरफ़्तारी का विरोध कर रहे थे. अमृतपाल एक धार्मिक उपदेशक हैं, जो अलग खालिस्तान राष्ट्र के समर्थक हैं.