एनजीटी ने कहा कि दिल्ली के तीन लैंडफिल स्थल ग़ाज़ीपुर, भलस्वा और ओखला में क़रीब 80 फीसदी कचरा पुराना है और इसका अब तक निपटान नहीं किया गया है. नागरिकों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ है और संबंधित अधिकारी पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए उपाय करने में नाकाम रहे हैं.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने राजस्थान सरकार को ठोस और तरल कचरे के अनुचित प्रबंधन के लिए पर्यावरण संबंधी मुआवजे के रूप में 3,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा है. वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार को तरल कचरे के अपर्याप्त प्रबंधन के लिए सौ करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने अपशिष्ट प्रबंधन में कमियों के कारण पर्यावरण को लगातार हो रहे नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए महाराष्ट्र सरकार को मुआवज़ा देने का आदेश देते हुए कहा है कि यदि उल्लंघन जारी रहा तो राज्य के ख़िलाफ़ अतिरिक्त हर्जाना लगाने पर विचार किया जा सकता है.