विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट 2022 के मुताबिक, कुल 146 देशों के सूचकांक में सिर्फ 11 देश ही भारत से नीचे हैं. अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, कांगो, ईरान और चाड सूची में सबसे निचले पायदान वाले पांच देशों में शामिल हैं. हालांकि स्वास्थ्य एवं जीवन प्रत्याशा सूचकांक में भारत का स्थान 146वां है.
ऑक्सफैम ने अपनी रिपोर्ट 'टाइम टू केयर' में कहा कि विश्व के 2153 अरबपतियों के पास विश्व की 60 फीसदी जनसंख्या के मुकाबले ज्यादा संपत्ति है. इसमें कहा गया है कि एक घरेलू कामकाजी महिला को किसी तकनीकी कंपनी के सीईओ के बराबर कमाने में 22 हजार 277 साल लग जाएंगे.
विश्व आर्थिक मंच के सालाना वैश्विक प्रतिस्पर्धिता सूचकांक में भारत इस साल ब्रिक्स देशों में सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा, जबकि चीन की स्थिति सबसे अच्छी रही. वहीं, स्वस्थ जीवन की संभावना के मामले में भारत का स्थान अफ्रीकी महाद्वीप के देशों को छोड़कर सबसे ख़राब रहा.
ऑक्सफैम की रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2018 में देश के शीर्ष एक प्रतिशत अमीरों की संपत्ति में 39 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि पचास प्रतिशत ग़रीब आबादी की संपत्ति में महज़ 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.
निजी निवेश अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर है और सुधार का भी कोई संकेत नहीं दिख रहा है.
विश्व आर्थिक मंच ने सालाना शिखर बैठक से पहले जारी की सूची. स्विट्ज़रलैंड के दावोस शहर में होने वाली बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे शामिल.
अर्थव्यवस्था और कम वेतन में महिलाओं की भागीदारी के निचले स्तर पर रहने से भारत महिला पुरुष समानता सूचकांक में 21 पायदान फिसलकर बांग्लादेश से भी पीछे आ गया है.