केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2018 और 2023 के बीच उच्च शिक्षा संस्थानों में आत्महत्या करने वाले इन 98 छात्रों में से सबसे ज्यादा 39 आईआईटी से, 25 एनआईटी से और 25 केंद्रीय विश्वविद्यालयों से, चार आईआईएम से, तीन आईआईएसईआर से और दो आईआईआईटी से थे.
शिक्षा मंत्रालय ने संसद में बताया कि 2019 और 2023 के बीच केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम और एनआईटी जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों से पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों में लगभग आधे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणियों से संबंधित थे.
वीडियो: केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार के नौ साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के कई प्रवक्ता विभिन्न मंचों पर अपनी सफलताओं का बयान करते हुए इस अवधि को 'नव निर्माण का काल' बता रहे हैं. सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के इन दावों में क्या कोई सच्चाई है?
सर्वोच्च न्यायालय ने हैरानी जताते हुए कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) तक को भी इस बारे में पता नहीं है.