पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर ममता बनर्जी सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में हलफ़नामा दायर कर आरोप लगाया गया है कि एनएचआरसी जांच समिति के सदस्यों के भाजपा नेताओं या केंद्र सरकार के साथ क़रीबी संबंध हैं. एनएचआरसी की रिपोर्ट में कहा गया था कि बंगाल में क़ानून का शासन नहीं, बल्कि शासक का क़ानून चल रहा है. बंगाल में हिंसक घटनाएं पीड़ितों की दशा के प्रति राज्य सरकार की उदासनीता को दर्शाती है.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नीसिथ प्रमाणिक पश्चिम बंगाल के कूच बिहार से भाजपा सांसद हैं. इससे पहले वह तृणमूल कांग्रेस में थे लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव से पहले वह इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे. इससे पहले नीसिथ प्रमाणिक की शिक्षा पर पर सवाल उठे थे. प्रमाणिक द्वारा शिक्षा से संबंधित अपने चुनावी हलफ़नामे और संसद को दी गई जानकारी में अंतर सामने आया था.
पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की जांच करने वाली राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की समिति ने अपनी रिपोर्ट में ममता बनर्जी सरकार पर टिप्पणी करते हुए हत्या एवं बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों की जांच सीबीआई से कराने और इन मामलों में मुक़दमा राज्य से बाहर चलाने की सिफ़ारिश की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा अब हमारे राज्य की छवि ख़राब करने और राजनीतिक बदला लेने के लिए निष्पक्ष एजेंसियों का सहारा ले रही है. उसे अभी भी विधानसभा चुनाव