विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और यूनिसेफ की एक रिपोर्ट बताती है कि कोविड महामारी के बाद लगभग सभी टीकों के मामले में भारत ने वर्ष 2022 में अपनी टीकाकरण दरों में सुधार किया था, लेकिन 2023 में परिणाम उलट गए. भारत उन देशों में शुमार है जहां शून्य ख़ुराक पाने वाले बच्चों की संख्या सबसे अधिक है.
अपनी एक हालिया रिपोर्ट में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा बताया था. हालांकि, अब उसने सफाई देते हुए कहा है कि भारत में फिलहाल ऐसा कोई खतरा नहीं है.
साल 2016 में जहरीली हवा से दुनिया भर के तकरीबन छह लाख बच्चों की मौत. इस तरह की हर पांच बच्चों की मौत में एक बच्चा भारतीय होता है.