जानबूझकर कर्ज़ ने चुकाने के मामले में मार्च 2019 के बाद से प्रति दिन सौ करोड़ रुपये की भारी वृद्धि जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए उस दावे को पूरी तरह खारिज़ करती है, जहां उन्होंने कहा था यूपीए सरकार ने 'घोटालों' से बैंकिंग क्षेत्र को 'बर्बाद' कर दिया और उनकी सरकार ने इसके 'अच्छे वित्तीय स्वास्थ्य' को बहाल किया.
वीडियो: जान-बूझकर क़र्ज़ न चुकाने वालों यानी विलफुल डिफॉल्टर्स को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर जारी किया है. इसके मुताबिक जिन लोगों या कंपनियों ने बैंकों से या किसी फाइनेंशियल इकाई से क़र्ज़ लिया है. इसे चुकाने की हैसियत में थे, मगर क़र्ज़ नहीं चुकाया, वह बैंकों के साथ सेटलमेंट कर सकते हैं.
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