वित्त मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया कि मेहुल चोकसी की गीतांजिल जेम्स सबसे बड़ी डिफॉल्टर है, जिस पर बैंकों का 8,738 करोड़ रुपये बकाया है. दूसरे स्थान पर एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग लि. है, जिस पर 5,750 करोड़ रुपये हैं. तीसरे नंबर पर आरईआई एग्रो लिमिटेड है, जिस पर 5,148 करोड़ रुपये हैं.
वित्त राज्यमंत्री भागवत के. कराड ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान बैंकों द्वारा 1,57,096 करोड़ रुपये के क़र्ज़ बट्टे खाते में डाले गए. मंत्री ने यह भी बताया कि जानबूझकर ऋण न चुकाने वालों की सूची में मेहुल चोकसी की गीतांजलि जेम्स लिमिटेड सबसे ऊपर है. इसके बाद एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग, कॉनकास्ट स्टील एंड पावर, आरईआई एग्रो लिमिटेड और एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड का स्थान है.
कोलकाता के यूको बैंक ने 665 डिफॉल्टर्स की सूची जारी की है. जानबूझकर कर्ज़ नहीं चुकाने वाली अन्य प्रमुख कंपनियों में जूम डेवलपर्स, फर्स्ट लिजिंग कंपनी ऑफ इंडिया, मोजर बेयर इंडिया और सूर्या विनायक इंडस्ट्रीज हैं.
ये वो लोग हैं जिन पर बैंक का 25 लाख रुपये या उससे अधिक का क़र्ज़ बकाया है और क्षमता होने के बावजूद उन्होंने इसे नहीं चुकाया है.