इस कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर विप्रो के चेयरमैन ऋषद प्रेमजी ने कहा कि कंपनी के पास ऐसे किसी भी कर्मचारी के लिए कोई स्थान नहीं है, जो विप्रो के ‘पेरोल’ पर रहते हुए प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के साथ भी काम करता है.
जन गण मन की बात की 53वीं कड़ी में विनोद दुआ मोदी सरकार के तीन साल और आईटी क्षेत्र में हो रही छंटनी पर चर्चा कर रहे हैं.