सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों से कहा कि सांसदों और विधायकों के ख़िलाफ़ मामलों में भले ही गवाहों की तरफ से सुरक्षा की मांग की गई हो या नहीं, उन्हें गवाह संरक्षण योजना के तहत सुरक्षा उपलब्ध कराई जानी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की गवाह संरक्षण योजना के मसौदे को मंजूरी दे दी और केंद्र, राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि एक साल के भीतर हर ज़िले में गवाही देने के लिए अलग से परिसर बनाया जाए.