ऑक्सफैम की एक हालिया रिपोर्ट बताती है कि भारतीय श्रम बाज़ार में महिलाएं पुरुषों की तुलना में भागीदारी और मेहनताने- दोनों पहलुओं पर ग़ैर-बराबरी का सामना करती हैं. इसकी वजहें आर्थिक तो हैं ही, लेकिन इसका मूल समाज की पितृसत्तात्मक व्यवस्था में छिपा है.
मुंबई की एक निजी रिसर्च कंपनी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के नए आंकड़े बताते हैं कि सही नौकरी न ढूंढ पाने से हताश लाखों भारतीय, विशेष रूप से महिलाएं पूरी तरह से श्रमबल से बाहर हो गए हैं.
ऑक्सफैम इंडिया के हालिया सर्वे के मुताबिक देश में पुरुषों की तुलना में महिला कामगारों की भागीदारी और भी कम हो रही है. जी20 देशों में भारत सिर्फ सऊदी अरब से बेहतर स्थिति में है.