आईएमएफ ने 2022 के लिए भारत के वृद्धि दर अनुमान को घटाकर 6.8 प्रतिशत किया

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने विश्व आर्थिक परिदृश्य को लेकर जारी अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा कि इस साल भारत की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत ही रहने की संभावना दिख रही है. यह जुलाई में व्यक्त पिछले अनुमान से 0.6 प्रतिशत कम है. वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर कहा गया है कि सबसे बुरा दौर आना अभी बाकी है.

क्या दुनियाभर में मंदी के साथ महंगाई का खौफ़नाक दौर बस आने को है

वैश्विक अर्थव्यवस्था में होने वाली किसी भी हलचल की सूरत में भारत को ख़राब स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना पड़ेगा क्योंकि अब यह व्यापार, निवेश और वित्त में कहीं अधिक वैश्वीकृत हो चुका है. आज यहां यूएस फेडरल रिज़र्व की कार्रवाइयां भारतीय रिज़र्व बैंक की तुलना में अधिक असर डालती हैं.

कोरोना वायरस: आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए सऊदी अरब ने तीन गुना बढ़ाया टैक्स

कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू लॉकडाउन के कारण कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के साथ मक्का और मदीना की यात्रा भी बंद है. इससे राजशाही को राजस्व का नुकसान हो रहा है. वहां के नागरिकों को 2018 से शुरू हुआ निर्वाह व्यय भत्ता भी नहीं मिलेगा.

कोरोना के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी में चली जाएगी: संयुक्त राष्ट्र व्यापार रिपोर्ट

व्यापार पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के मंदी में जाने से विकासशील देशों के लिए गंभीर संकट पैदा होगा लेकिन चीन और भारत इससे बच सकते हैं.

भारत का संप्रभु बॉन्ड से पैसा जुटाने का फैसला काफी जोख़िम भरा है

अगर केंद्र की मोदी सरकार को विदेशों से डॉलर में क़र्ज़ लेने पर मजबूर होना पड़ रहा है तो इसके पीछे पिछले पांच वर्षों के दौरान पनपने वाले आर्थिक संकट का हाथ है.

रघुराम राजन ने कहा, नोटबंदी और जीएसटी से देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा

भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था 2017 में अधिक तेज़ रफ़्तार से बढ़ी, लेकिन हमारी अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ गई.

नौकरियों के घटते और बदलते अवसरों पर चर्चा कीजिए

डिजिटल युग में नौकरी दो स्तर पर होगी. उच्चतम कौशल वाली और निम्नतम मज़ूदरी वाली. बहुत से दफ्तरों में सर छिपा कर काम करने वाले बीच के काबिल लोग ग़ायब हो जाएंगे. बल्कि हो भी रहे हैं.

2017 में ज़्यादातर देशों की जीडीपी बढ़ी, बेरोज़गारी घटी लेकिन भारत में ऐसा नहीं हुआ

2017 को एक ऐसे साल के तौर पर याद किया जाएगा, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था को अपने ही हाथों भारी नुकसान पहुंचाया गया. इससे जीडीपी में तीव्र गिरावट आयी और पहले से ही नए रोज़गार निर्माण की ख़राब स्थिति और बदतर हुई.

रिज़र्व बैंक देश की आर्थिक वृद्धि में बाधा उत्पन्न कर रहा है: फिक्की अध्यक्ष

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का तीन पक्षीय सुधारों का सुझाव. जेटली बोले- भारत के पास अगले एक-दो दशक में उच्च वृद्धि की क्षमता है.

क्या भारत डब्ल्यूटीओ के जाल में फंस चुका है?

भारत सरकार अब इस बात से सहमत है कि खाद्य सब्सिडी को कम से कम किया जाना होगा, इस कारण से पूरी संभावना है कि भारत में रोज़गार, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक गैर-बराबरी का दर्द अब और ज़्यादा बढ़ेगा.

नीति बनाने वाले किसान और उपभोक्ता को एक-दूसरे का दुश्मन बना रहे हैं

जब कुछ ख़ास व्यापारिक प्रतिष्ठानों का एकाधिकार स्थापित हो जाएगा, तब क़ीमतें सरकार और किसान नहीं, बड़ी कंपनियां तय करेंगी.