श्रीलंकाई लेखक शेहान करुणातिलक को उनके उपन्यास ‘द सेवन मून्स ऑफ माली अल्मेडा’ के लिए बुकर पुरस्कार दिया गया है. उनके उपन्यास में माली अलमेडा नामक एक युद्ध फोटोग्राफर की कहानी है, जो मौत के बाद स्वर्ग पहुंचता है और गृहयुद्ध के अत्याचारों की तस्वीरों का एक ज़ख़ीरा उसके हाथ लग जाता है.
इंग्लैंड में रहने वाले तंजानियाई मूल के अब्दुलरजाक गुरनाह यूनिवर्सिटी ऑफ केंट के सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं. स्वीडिश अकादमी ने इस पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा, 'सत्य के प्रति गुरनाह की निष्ठा और सरलीकरण को लेकर उनका विरोध अद्भुत है. उनके उपन्यास रूढ़िबद्ध विवरणों से परे हैं और सांस्कृतिक रूप से वैविध्यपूर्ण पूर्वी अफ्रीका को हमारे सामने लाते हैं, जिससे दुनिया के अन्य हिस्सों के लोग अपरिचित हैं.'
भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक वीएस नायपॉल को 1990 में ‘नाइटहुड’ का सम्मान मिला था और 2001 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार से उन्हें नवाज़ा गया था.