श्रम सचिव एम. सत्यवती ने कहा, हर साल एक करोड़ युवा रोज़गार चाहने वालों में शामिल होते हैं. दुर्भाग्य से नौकरी पाने के लिए कई युवाओं में ज़रूरी कौशल नहीं होता.
जन गण मन की बात की 37वीं कड़ी में विनोद दुआ राजभाषा के रूप में हिंदी को थोपने की कोशिश और सरकार की ओर से युवाओं पर कराए गए सर्वे पर चर्चा कर रहे हैं.