विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के पत्र के जवाब में कहा कि धार्मिक आज़ादी से जुड़े मुद्दों के सिलसिले में अमेरिकी आयोग का दल भारत आना चाहता था, लेकिन उन्हें वीज़ा देने से भी मना किया गया क्योंकि उन जैसी विदेशी संस्था का भारतीय नागरिकों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों पर बोलने का कोई अधिकार-क्षेत्र हमें नज़र नहीं आता.
विश्वभर में में धार्मिक स्वतंत्रता की निगरानी का ज़िम्मा संभाल रहे अमेरिकी आयोग ने भारत को ‘खास चिंता वाले देशों’ की सूची में डालने की सिफ़ारिश करते हुए कहा है कि देश में धार्मिक आज़ादी की दशा में बड़ी गिरावट आई है. भारत ने आयोग की आलोचनाओं को पूर्वाग्रह से ग्रसित और पक्षपातपूर्ण कहा है.
ब्रिटिश सिख लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने कहा कि दिल्ली की हिंसा ने 1984 के सिख विरोधी दंगों की दुखद यादों को ताजा कर दिया है, जब वह भारत में पढ़ रहे थे और उनकी साथी सांसद प्रीत कौर गिल ने भी 1984 दंगों का संदर्भ दिया.
दिल्ली दंगों पर आधिकारिक रूप से प्रतिक्रिया देने वाला ईरान चौथा मुस्लिम-बहुल देश बन गया है. इससे पहले इंडोनेशिया, तुर्की और पाकिस्तान पिछले हफ्ते दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में हुई हिंसा के खिलाफ टिप्पणी कर चुके हैं.
दिल्ली दंगा पर अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामलों संबंधी अमेरिकी आयोग, अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बर्नी सैंडर्स और कई अन्य प्रमुख अमेरिकी सांसदों के बयानों पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन टिप्पणियों का उद्देश्य मुद्दे का राजनीतिकरण करना है.
अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में हुए आयोजन में अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग, एमनेस्टी इंटरनेशनल अमेरिका, ह्यूमन राइट्स वॉच जैसे संगठनों से जुड़े लोगों और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया.
अमेरिकी कांग्रेस की एक स्वतंत्र शोध इकाई कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार देश की नागरिकता संबंधी प्रक्रिया में धार्मिक पैमाने को जोड़ा गया है. संघीय सरकार की एनआरसी की योजना को संशोधित नागरिकता कानून के साथ लाने से भारत के लगभग 20 करोड़ मुस्लिम अल्पसंख्यकों का दर्जा प्रभावित हो सकता है.
अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने भारत से अनुरोध किया है कि वह अपने संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों को बरकरार रखते हुए धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करे.
अमेरिका के मुस्लिम सांसद आंद्रे कार्सन ने कहा कि सांसदों द्वारा क्रूर नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित करने के साथ ही आज हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक और घातक कदम देखा. हालांकि भाजपा के इतिहास और सांप्रदायिकता से उसके संबंध को देखते हुए यह कार्रवाई अप्रत्याशित नहीं है.
लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश करते समय गृह मंत्री अमित शाह ने धार्मिक आधार पर बंटवारे के लिए कांग्रेस पर दोष मढ़ा था. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि कांग्रेस से असहमत होने वाले दलों में हिंदू महासभा थी, जिसने 1935 में निर्णय किया कि हिंदू और मुस्लिम दो अलग-अलग राष्ट्र हैं. मोहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में मुस्लीम लीग का भी यही विचार था.
भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत उगो अस्तुतो ने कहा कि भारतीय संविधान बिना किसी भेदभाव के कानून के समक्ष बराबरी की बात करता है. हम इन सिद्धांतों को साझा करते हैं. मुझे यकीन है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की चर्चाओं का नतीजा भारतीय संविधान द्वारा स्थापित उच्च मानकों के अनुरूप निकलेगा.
लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक एवं संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि इसमें न केवल धर्म के आधार पर भेदभाव किया गया है बल्कि यह सामाजिक परंपरा और अंतरराष्ट्रीय संधि के भी खिलाफ है.
नागरिकता संशोधन विधेयक को ‘गलत दिशा में बढ़ाया गया एक खतरनाक कदम’ बताते हुए अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संघीय अमेरिकी आयोग ने कहा कि विधेयक के लोकसभा में पारित होने से वह बेहद चिंतित है.