सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज अशोक कुमार गांगुली ने बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि संविधान के लागू होने के बाद वहां पहले क्या था, यह सुप्रीम कोर्ट की जिम्मेदारी नहीं है. उस समय भारत कोई लोकतांत्रिक गणतंत्र नहीं था. अगर हम इस तरह बैठकर फैसला देंगे तो बहुत सारे मंदिर, मस्जिद और अन्य ढांचों को तोड़ना पड़ेगा.