कैग की नई रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे का परिचालन अनुपात 2017-18 में 98.44 प्रतिशत रहा है. इसका मतलब ये है कि रेलवे ने 100 रुपये कमाने के लिए 98.44 रुपये व्यय किए.
मोदी सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए तीन वर्ष पहले सेवा शुल्क को वापस ले लिया था. अब आईआरसीटीसी सितंबर से सेवा शुल्क को बहाल कर रहा है.
रेलवे ने वर्ष 2016 से 2019 के बीच तत्काल कोटे से 21,530 करोड़ रुपये की कमाई की. वहीं 3,862 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय प्रीमियम तत्काल टिकटों से हुई है.
आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक प्राइवेट कंपनियों द्वारा सात करोड़ के दावे का ही भुगतान किया गया है.
हाल में बजट पेश करने के दौरान केंद्र सरकार ने पैन न होने पर आधार के इस्तेमाल की छूट दी थी. हालांकि, हर बार गलत आधार संख्या देने वाले पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. 1 सितंबर, 2019 से यह प्रावधान लागू किए जाने की उम्मीद है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट शुक्रवार को पेश किया. वित्त वर्ष 2019-20 के बजट की ख़ास बातें.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2018 से 2030 तक रेलवे आधारभूत ढांचे को 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की ज़रूरत है. उन्होंने तीव्र विकास एवं यात्री माल ढुलाई सेवा के लिए सरकारी निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का उपयोग करने का प्रस्ताव रखा.
वित्त वर्ष 2018-19 में भी अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का बजट 4700 करोड़ रुपये रखा गया था. इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 में मंत्रालय के लिए 4197 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे.
अदालत ने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा पर सरकारी निवेश न्यूनतम. हेल्थकेयर पर जीडीपी का महज़ 0.3 फीसदी होता है ख़र्च.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) के जगदीप छोकर से बात कर रहे हैं 'द वायर हिंदी' के संपादक बृजेश सिंह.
द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से चर्चा कर रहे हैं ‘द वायर हिंदी’ के कार्यकारी संपादक बृजेश सिंह.