विवादों के घेरे में क्यों है प्रशांत किशोर का ‘बात बिहार की’ अभियान?

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ‘बात बिहार की’ नाम से एक अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान को लेकर प्रशांत किशोर पर आइडिया चोरी करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है.

नीतीश कुमार से अलग हुए प्रशांत किशोर बिहार विधानसभा चुनाव में क्या गुल खिलाएंगे?

जदयू से बाहर निकाले जाने के बाद प्रशांत किशोर ने ‘बात बिहार की' कैंपेन शुरू किया है. उनका कहना है कि इसके ज़रिये वे सकारात्मक राजनीति करने के इच्छुक युवाओं को जोड़ना चाहते हैं. कैंपेन के तहत उनके द्वारा दिए जा रहे आंकड़े बिहार की एनडीए सरकार के राज्य में पिछले 15 सालों में हुए विकास के दावों पर सवाल उठाते हैं.

नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर ने एक-दूसरे को क्यों चुना?

विशेष रिपोर्ट: 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू के लिए चुनावी रणनीति तैयार करने वाले प्रशांत किशोर ने हाल ही में पार्टी की सदस्यता ली और अब नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया है.

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर जदयू में शामिल

प्रशांत किशोर 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा, 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राजद, जदयू और कांग्रेस महागठबंधन की ओर से प्रचार कर चुके हैं.