जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को पीएसए के तहत नजरबंद करने के खिलाफ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका कर उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है.
इसके साथ ही दो अन्य नेताओं पर भी इस कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता अली मोहम्मद सागर और पीडीपी के सरताज मदनी शामिल हैं. पिछले साल अगस्त में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से ही उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती नजरबंद हैं.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को कहा कि कश्मीर में राजनीतिक बंदियों की रिहाई, इंटरनेट बहाल करने और घाटी में लोगों का डर दूर करने से स्थिति सामान्य होगी, न कि विभिन्न मंत्रियों के फोटो खिंचवाने से.
हालांकि स्थानीय प्रशासन का कहना है कि चूंकि पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती को एसएसजी सुरक्षा मिली हुई है, लिहाजा उन्हें कहीं भी जाने से पहले पुलिस की मंजूरी लेनी होती है.
वीडियो: जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद की स्थितियों पर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को 5 अगस्त से श्रीनगर के चश्म-ए-शाही हट में हिरासत में रखा गया है. अपनी याचिका में महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा था कि वह अपनी मां के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं क्योंकि वह उनसे एक महीने से नहीं मिली हैं.
महबूबा मुफ्ती की छोटी बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में कहा कि मैं यह समझने में असफल हूं कि मुझे कश्मीरियों की आवाज़ बुलंद करने के लिए क्यों सज़ा दी जा रही है. क्या कश्मीरियों के दर्द, यातना और रोष को व्यक्त करना अपराध है?