शहरी बेघरों को बसेरे उपलब्ध कराने के मामले में शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि क्या आधार कार्ड न रखने वाले बेघर सरकार के लिये अस्तित्व में ही नहीं है.
मानहानि के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि घोटाले की रिपोर्टिंग के समय उत्साह में ग़लती हो सकती है.
साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था देशभर के सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले बिना किसी नाटकीयता के राष्ट्रगान अनिवार्य रूप से बजाया जाना चाहिए.
आईपीसी की धारा 377 कहती है कि जो कोई भी किसी पुरुष, महिला या पशु के साथ अप्राकृतिक यौनाचार करता है तो इस अपराध के लिए उसे उम्रक़ैद की सज़ा होगी.
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में कई प्रतिष्ठित सियासतदानों के नाम नहीं. असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि जिनका नाम नहीं उन्हें नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा.
एनआरसी के राज्य समन्वयक ने कहा कि जिन लोगों का नाम पहली सूची में शामिल नहीं है, उन्हें चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि दस्तावेजों का सत्यापन चल रहा है.
आंध्र प्रदेश, बॉम्बे, कलकत्ता, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, कर्नाटक और मणिपुर की उच्च अदालतें बगैर किसी नियमित मुख्य न्यायधीश के काम कर रही हैं.
विशेष सीबीआई जज ने कहा, दूरसंचार विभाग के अधिकारियों की अकर्मण्यता ने लोगों को एक बड़े घोटाले की अटकलों के लिए विवश किया.
विशेष न्यायाधीश ने कहा, 'मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि सीबीआई किसी भी आरोपी के ख़िलाफ़ कोई आरोप साबित करने में नाकाम रहा है, जो आरोपपत्र में लगाए गए थे.'
कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने पूछा कि मोदी, जेटली और भाजपा के तमाम नेताओं सहित जो लोग इस मामले में इल्ज़ामों की सीढ़ी बनाकर सत्ता तक पहुंचे, क्या वे अब देश से माफ़ी मांगेंगे.
विशेष अदालत ने सीबीआई और विशेष लोक अभियोजक की आलोचना करते हुए कहा, मुक़दमा अंत तक दिशाहीन हो गया.
देश में अपने तरह के पहले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश को अवमानना मामले में छह महीने की सज़ा सुनाई थी.
मुस्लिम महिला कार्यकर्ताओं ने कहा, प्रस्तावित क़ानून में तीन तलाक़ के साथ निकाह, हलाला और बहुविवाह भी शामिल हो. सभी दल मिलकर मुस्लिम महिलाओं के मुद्दों का समाधान करें.
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, एक साल के लिए 12 विशेष अदालतें नेताओं के ख़िलाफ़ लंबित मामलों के निबटारे के लिए गठित की जाएंगी.
आप कांग्रेस और भाजपा को कोस सकते हैं, लेकिन संघ परिवार को क्या कहेंगे जिसने धर्म और समाज के लिए लज्जा का यह काला दिन आने दिया?