मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ कई बार प्रदेशाध्यक्ष का पद छोड़ने की बात कह चुके हैं. लेकिन सरकार बनने के लगभग साल भर बाद भी पार्टी को नया प्रदेशाध्यक्ष नहीं मिला है.
मध्य प्रदेश के वन मंत्री ने कहा कि दो जुलाई 2017 को नर्मदा किनारे छह करोड़ से अधिक पौधे लगाने के नाम पर 450 करोड़ का घोटाला किया गया. इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व वन मंत्री गौरी शंकर शेजवार और तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका की जांच आर्थिक अपराध शाखा करेगी.
राज्य की कमलनाथ सरकार के मंत्री-विधायक एक-दूसरे पर अवैध खनन, अवैध शराब और रिश्वत लेने जैसे संगीन आरोप लगा रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर आरोप है कि वे सरकार को पर्दे के पीछे से चला रहे हैं, वहीं नये प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भी खींचतान की स्थिति बनी हुई है.
मध्य प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि दिग्विजय सिंह खुद को प्रदेश में सत्ता के केंद्र के रूप में स्थापित कर कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं.