पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की वजह से दिल्ली के प्रदूषण में भारी बढ़ोतरी होती है. इसी के चलते हाल में दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों के बीच विवाद शुरू हो गया और दोनों ने एक दूसरे को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया.
पर्यावरण वैज्ञानिक डॉक्टर सीमा जावेद ने कुंभ के दौरान इलाहाबाद की हवा इतनी खराब होने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि एनजीटी के आदेश के बावजूद इलाहाबाद में वायु की गुणवत्ता पर नजर रखने के सरकारी प्रयास नहीं हो रहे हैं.
अंग्रेज़ी के कवि पीबी शैली की एक कविता में उनका नायक मरने के बाद जब नर्क पहुंचता है तो पाता है कि नर्क तो बिल्कुल लंदन जैसा है. जो कुछ भी लंदन में मिल सकता है वह सब वहां है. उसकी पहचान, उसकी बेतहाशा आबादी और धुआं... राजधानी है इसलिए वहां राजा है, न्यायालय है और जैसा कि राजधानियों में होता है ख़याली पुलाव के रूप में क्रांति की बातें हैं. एक सदी पहले लिखी गई इस कविता का यह
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को नई दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 394 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है.
अगर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 0 से 50 के बीच में है तो उस हवा को अच्छा माना जाता है. हालांकि इस समय राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का एक्यूआई 700 के पार चला गया है.