विशेष रिपोर्ट: केंद्र सरकार ने साल 2018-19 के बजट में घोषणा की थी कि देश के 22,000 ग्रामीण हाटों को कृषि बाज़ार में बदला जाएगा, ताकि जो किसान एपीएमसी मंडियों तक नहीं पहुंच पाते, वे अपने नज़दीक इन हाटों में फसल बेचकर लाभकारी मूल्य प्राप्त कर सकें. इसके उलट सरकार ने तीन कृषि क़ानून बना दिए, जिसका किसान विरोध कर रहे हैं. उन्हें डर है कि सरकार इनके ज़रिये न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने की स्थापित व्यवस्था ख़त्म करना चाह रही