तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके नवाज़ शरीफ़ भ्रष्टाचार के एक मामले में सात साल की सज़ा काट रहे हैं. इलाज के लिए उन्हें चार हफ़्ते के लिए विदेश जाने की इजाज़त मिली थी. पिछले साल दिसंबर में यह अवधि ख़त्म हो चुकी है. तब से शरीफ़ लंदन से वापस नहीं लौटे हैं.
मणिपुर नारकोटिक्स की वरिष्ठ अधिकारी टी. बृंदा ने 13 जुलाई को हाईकोर्ट में दायर हलफनामे में बताया है कि उनके विभाग ने 2018 में इम्फाल में हुई एक छापेमारी में आठ लोगों से ड्रग्स और नकदी बरामद की थी. हलफनामे के अनुसार मुख्य आरोपी ड्रग माफिया भाजपा का एक स्थानीय नेता भी है.
पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो की ओर से बताया गया कि यह वॉरंट जंग मीडिया ग्रुप के प्रधान संपादक मीर शकीलुर रहमान को 1986 में गैर-क़ानूनी तरीके से ज़मीन आवंटित करने के मामले में जारी किया गया है. नवाज़ शरीफ़ उस समय पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री थे.
आरोप है कि आसिफ़ अली ज़रदारी और और उनकी बहन फ़रयाल ने कथित फ़र्ज़ी बैंक खातों के ज़रिये 15 करोड़ रुपये का लेन-देन किया है. फ़रयाल को अब तक गिरफ़्तार नहीं किया गया है.