एलोपैथी पर टिप्पणी मामले में रामदेव के ख़िलाफ़ छत्तीसगढ़ में भी मामला दर्ज

आईएमए की छत्तीसगढ़ इकाई के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि रामदेव की भ्रम पूर्ण जानकारी और वक्तव्य के कारण आधुनिक चिकित्सा पद्धति के प्रयोग से ठीक हो रहे 90 फीसदी से ज़्यादा मरीज़ आशंका की स्थिति में आ जाएंगे.

रामदेव के एलोपैथी बयान के विरोध में डॉक्टर करेंगे देशव्यापी प्रदर्शन, बंगाल में भी शिकायत दर्ज

एलोपैथी पर योग गुरु रामदेव की टिप्पणी से नाराज़ रेजिडेंट डॉक्टरों के एसोसिएशन के परिसंघ ने कहा है कि वे एक जून को देशभर में प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने रामदेव से बिना शर्त के सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने को भी कहा है. इसी बयान पर आईएमए की पश्चिम बंगाल इकाई ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है.

एलोपैथी विवाद: टीवी पर रामदेव को डांटने वाले डॉ. जयेश लेले का क्या कहना है…

वीडियो: रामदेव ने एलोपैथिक दवाओं पर अपने बयान को भले ही वापस ले लिया, लेकिन विवाद अभी ख़त्म होता नहीं दिख रहा है. बीते दिनों इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव डॉ. जयेश लेले ने एक टीवी बहस के दौरान रामदेव को फ़टकार लगाई थी. डॉ. लेले से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

एलोपैथी बयान पर रामदेव के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज, पतंजलि ने कहा- मानहानि नोटिस का क़रारा जवाब देंगे

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दिल्ली के आईपी स्टेट थाने में दर्ज करवाई गई शिकायत में कहा कि रामदेव ने कोविड-19 की स्थिति का लाभ उठाने के लिए एलोपैथिक दवाओं और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अन्य संबद्ध उपचार तकनीकों के बारे में भ्रामक और ग़लत बयानबाज़ी की है.

आईएमए की मांग, रामदेव पर राजद्रोह का केस हो, रामदेव ने कहा- उनके बाप भी नहीं कर सकते अरेस्ट

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि कोविड-19 के एलोपैथिक इलाज के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार वाला अभियान चलाने के लिए रामदेव पर तत्काल राजद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए. संगठन ने रामदेव को मानहानि का नोटिस भी भेजा है. इस बीच रामदेव का एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें वो कथित तौर पर कह रहे हैं कि उनके बाप भी उन्हें गिरफ़्तार नहीं कर सकते हैं.

आईएमए की उत्तराखंड इकाई ने रामदेव को हज़ार करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (उत्तराखंड) ने रामदेव से एलोपैथी बयान पर लिखित माफ़ी की मांग की और कहा कि 15 दिन के अंदर ऐसा न होने पर 50 लाख रुपये प्रति आईएमए सदस्य की दर से उनसे हज़ार करोड़ रुपये का मुआवज़ा मांगा जाएगा. एसोसिएशन ने यह भी कहा कि रामदेव सभी अपमानजनक आरोपों का खंडन करते हुए वीडियो बनाकर उन सभी मंचों पर डालें, जहां पिछला क्लिप प्रसारित हुआ था.

डॉक्टर-मरीज़ों की खिल्ली उड़ाकर क़ानून से ऊपर क्यों हैं रामदेव?

वीडियो: बीते दिनों रामदेव एलोपैथी को ऐसी स्टुपिड और दिवालिया साइंस बताया था. इस पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सहित कई संगठनों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखकर कहा था कि रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. इस संबंध में हर्षवर्धन ने रामदेव को एक पत्र लिखा था, जिसके बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया था.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के पत्र के बाद रामदेव ने बयान वापस लिया, कहा- विवाद पर अफ़सोस

रामदेव द्वारा एलोपैथी को स्टुपिड और दिवालिया साइंस कहने पर मेडिकल बिरादरी ने कड़ा विरोध जताया था. बयान को वापस लेते हुए रामदेव ने कहा कि उन्होंने आयुर्वेद और योग का उपयोग करके भी महामारी के दौरान कई लोगों की जान बचाई है, इसका भी सम्मान किया जाना चाहिए.

‘सरकार द्वारा वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों और डॉक्टरों की अनदेखी देश को पड़ रही है भारी’

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजन शर्मा ने कहा कि पिछले अनुभव से कोई सीख न लेने और चुनाव के दौरान लापरवाही बरतने तथा धार्मिक आयोजनों पर समय रहते रोक न लगाए जाने जैसे कारक भी दूसरी लहर के घातक प्रसार के लिए ज़िम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में विशेषज्ञों की लगातार अनदेखी एक बहुत बड़ा जुर्म है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने रामदेव से एलोपैथी पर आपत्तिजनक टिप्पणी वापस लेने के लिए कहा

एक वीडियो का हवाला देते हुए देश में डॉक्टरों की शीर्ष संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा था कि रामदेव कह रहे हैं कि ‘एलोपैथी एक स्टुपिड और दिवालिया साइंस है’ इस पर आईएमए सहित कई संस्थाओं ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर कहा था कि रामदेव के ख़िलाफ़ महामारी अधिनियम के तहत मुक़दमा चलाना चाहिए, क्योंकि ‘अशिक्षित’ बयान देश के शिक्षित समाज के लिए एक ख़तरा है, साथ ही ग़रीब लोग इसका शिकार हो

आईएमए, एम्स सहित कई संस्थाओं ने एलोपैथी पर रामदेव के बयान के लिए कार्रवाई की मांग की

सोशल मीडिया पर साझा किए जा रहे एक वीडियो का हवाला देते हुए भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने कहा कि रामेदव कह रहे हैं कि ‘एलोपैथी एक स्टुपिड और दिवालिया साइंस है’. आईएमए, एम्स आरडीए, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन समेत कई अस्पतालों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर रामदेव के ख़िलाफ़ महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है.