राज्य सरकार ने कोविड-19 का हवाला देते हुए पहली से 10वीं कक्षा के पाठ्यक्रम कम करने के लिए इस्लाम, ईसाई धर्म, टीपू सुल्तान से जुड़े अध्याय हटाने का प्रस्ताव रखा था. इस पर विपक्षी दलों का कहना था कि सरकार अपने दक्षिणपंथी एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए ऐसा कर रही है.
घटना बेंगलुरु के डोम्लूर में हुई, जहां एक घरेलू सहायिका के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद दो फ्लैट्स के दरवाजे को बेंगलुरु महानगरपालिका ने टीन की शीट लगाकर सील कर दिया. तस्वीरें सोशल मीडिया पर आने पर हुई आलोचना के बाद इन्हें हटाया गया.
मामला बेंगलुरु का है, जहां अस्पतालों द्वारा भर्ती करने से कथित तौर पर इनकार किए जाने के बाद महिला ने ऑटो रिक्शा में बच्चे को जन्म दिया. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इन अस्पतालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है.
घटना कर्नाटक के विजयपुरा ज़िले की है, जहां एक दलित युवक द्वारा ऊंची कही जाने वाली जाति के एक व्यक्ति की बाइक छू लेने के बाद उसे और उसके परिवार को बेरहमी से पीटा गया है. इस संबंध में 13 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
पेशे से बस ड्राइवर इस शख़्स को 13 जुलाई को बुखार आया था, जिसके बाद जांच में वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए. अस्पताल, हेल्पलाइन, थाने आदि कहीं से भी मदद न मिलने के बाद वे जब पैदल मुख्यमंत्री आवास पहुंचे, तो वहां के स्टाफ ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया.
कोरोना पर कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री बी. श्रीरामुलु के बयान के बाद कांग्रेस ने कहा कि उनका बयान दिखाता है कि येदियुरप्पा सरकार कोविड संकट से लड़ने में नाकाम रही है. बाद में स्वास्थ्य मंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि मीडिया के एक वर्ग ने उनके बयान को ग़लत तरीके से पेश किया.
मामला कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के गृह ज़िले बल्लारी का है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में पीपीई किट पहने स्वास्थ्यकर्मी एक-एक कर आठ शवों को एक ही गड्ढे में फेंकते नज़र आ रहे हैं.
मामला बेंगलुरु का है, जहां 52 वर्षीय कपड़ा व्यापारी को तेज़ बुखार और सांस लेने में समस्या हुई थी. उनके भतीजे ने बताया कि वे उन्हें दो दिन एंबुलेंस से 18 अस्पतालों में लेकर गए, 30-32 अस्पतालों में फोन किया लेकिन सभी जगह उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया गया.
कर्नाटक से चार राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को चुनाव होना था, हालांकि इसके लिए मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी क्योंकि किसी भी दल ने एक-दूसरे के ख़िलाफ़ अतिरिक्त उम्मीदवार खड़ा नहीं किया.
कर्नाटक के मंड्या ज़िले के श्रीरंगापट्टनम स्थित गोकुलदास एक्सपोर्ट्स कंपनी ने अपनी एक इकाई ‘यूरो क्लॉथिंग कंपनी-2’ कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते बंद कर दी है. इसके बाद से कर्मचारी कंपनी के बाहर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यकारी अध्यक्ष सलीम अहमद का कहना है कि कुछ मंत्रियों पर अपने निकट सहयोगियों की कंपनियों के लिए पीपीई किट और अन्य मेडिकल उपकरणों की सप्लाई के कॉन्ट्रैक्ट लेने के आरोप हैं.
दूसरे राज्यों में फंसे कामगारों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेन के रजिस्ट्रेशन की जद्दोजहद के बाद यात्रा की तारीख तय न होने से मज़दूर हताश हैं. कर्नाटक, कश्मीर और गुजरात के कई कामगार इस स्थिति से निराश होकर साइकिल या पैदल निकल चुके हैं या ऐसा करने के बारे में सोच रहे हैं.
जम्मू कश्मीर के कठुआ ज़िले के चेनाब टेक्सटाइल मिल्स के श्रमिकों ने आरोप लगाया कि उन्हें मासिक वेतन के रूप में कम का भुगतान किया गया. वहीं, कर्नाटक के मेंगलुरु में सैकड़ों प्रवासी मज़दूरों ने भी घर भेजे जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है.
मज़दूरों के हित निजी संपत्ति के मालिकों के हितों पर ही निर्भर हैं. सरकार सामाजिक व्यवस्था भी उन्हीं के लिए कायम करती है. अंत में यही कहा जाएगा कि उसने रेल भी मज़दूरों के हित में रद्द की हैं, उन्हें रोज़गार देने के लिए!
कर्नाटक पुलिस ने कोबरा कमांडो को लॉकडाउन उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया था. प्रदेश के गृहमंत्री बसवराज बोम्माई ने पुलिस प्रमुख को घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं.