मामला दक्षिण पूर्व दिल्ली का है, जहां एक कश्मीरी महिला ने आरोप लगाया है कि उनकी ग़ैर-मौजूदगी में मकान मालकिन ने घर में घुसकर फर्नीचर हटाया, पैसे और सामान चोरी किया. साथ ही पुलिसकर्मी की मौजूदगी में उनके साथ अभद्रता की गई. मामले में दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस को नोटिस जारी किया है.
बीते 5 मार्च को सात महीने के बाद जम्मू कश्मीर में इंटरनेट से प्रतिबंध हटाया गया है. एक तबके का मानना था कि यह बैन शांति प्रक्रिया के लिए अहम था, हालांकि स्थानीयों के मुताबिक़ यह प्रतिबंध मनोरंजन या सोशल मीडिया पर नहीं बल्कि आम जनता के जानने और बोलने पर था.
23 जनवरी की सुनवाई के दौरान अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द किए जाने की वैधता को चुनौती देनी वाली याचिकाओं को पेश करने वाले वकीलों ने मांग की थी कि जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने को चुनौती देने वाले मामलों को सात जजों की बड़ी पीठ के पास भेजा जाए क्योंकि अनुच्छेद 370 से जुड़े पिछले दो फैसले पांच जजों की पीठ द्वारा दिए गए थे और दोनों में विवाद था.
भाजपा की विचारधारा का जिक्र करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुसलमान जिगर का टुकड़ा है और सांप्रदायिक राजनीति का सवाल ही पैदा नहीं होता.
जम्मू कश्मीर पर एक ब्रिटिश संसदीय दल की अध्यक्ष और लेबर पार्टी की सांसद डेब्बी अब्राहम को बीते सोमवार को नई दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंचने पर भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी.
केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर की स्थिति में बदलाव किए जाने के तुरंत बाद लेबर पार्टी की सांसद एवं कश्मीर पर सर्वदलीय संसदीय दल की अध्यक्ष डेब्बी अब्राहम ने ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया कि यह कार्रवाई कश्मीर के लोगों के विश्वास को धोखा देती है.
जम्मू कश्मीर के पूर्व विधायक और वरिष्ठ माकपा नेता यूसुफ़ तारिगामी ने प्रदेश के बड़े नेताओं की हिरासत को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि अगर जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य हैं तो सरकार वहां चुनाव क्यों नहीं कराती.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के खिलाफ जो पीएसए लगाने के लिए जो आरोप लगाए गए हैं उनमें उनकी बड़ी संख्या में वोट हासिल करने की क्षमता का जिक्र किया गया है. वहीं, खतरनाक साजिश रचने की क्षमता के कारण पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को 'डैडी गर्ल' और 'कोटा रानी' कहा गया.
इसके साथ ही दो अन्य नेताओं पर भी इस कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता अली मोहम्मद सागर और पीडीपी के सरताज मदनी शामिल हैं. पिछले साल अगस्त में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से ही उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती नजरबंद हैं.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को कहा कि कश्मीर में राजनीतिक बंदियों की रिहाई, इंटरनेट बहाल करने और घाटी में लोगों का डर दूर करने से स्थिति सामान्य होगी, न कि विभिन्न मंत्रियों के फोटो खिंचवाने से.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने राज्य का विशेष दर्जा ख़त्म करने और दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद यहां के साढ़े चार सौ से अधिक कारोबारियों, पत्रकारों, वकीलों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की एक सूची तैयार की है, जिनके विदेश जाने पर रोक लगाई गई है. प्रशासन ने किसी भी व्यक्ति को नहीं बताया है कि यह प्रतिबंध कब तक रहेगा.
केवल एक तानाशाह सरकार विपक्षी नेताओं के किसी राज्य में जाने पर रोक लगाकर विदेशी सांसदों को वहां ले जाती है.
मोदी सरकार लोकतंत्र के जिन प्रतीकों को संजोने का दावा करती है, वह उन्हें ख़त्म कर चुकी है.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने से पहले हिरासत में लिया गया था.
जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला राशिद पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फ़ैसल की पार्टी जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) से इसी साल मार्च में जुड़ी थीं. राशिद का कहना है कि वह कार्यकर्ता के तौर पर काम करना जारी रखेंगी.