आपातकाल की चर्चा तब तक पूरी नहीं होती जब तक स्वाधीनता संग्राम सेनानी और प्रसिद्ध समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण की चर्चा न की जाए.
कांग्रेस ने कहा, भारत की जीएसटी दर दुनिया में सबसे ऊंची, ‘एक देश, एक कर’ का जो सपना था वह आज ‘एक देश, सात कर’ बन गया है.
गिरीडीह के मज़दूर बेटे ने पिता को भेजा पैसा, बैंक ने क़र्ज़ में एडजस्ट किया, आहत पिता ने फांसी लगाई. बांदा में क़र्ज़ से परेशान युवक ने ख़ुद को गोली मारी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक विश्लेषण को येचुरी ने बताया जुमलानॉमिक्स. ग़ुलाम नबी आज़ाद बोले, मोदी टीवी के प्रधानमंत्री, हमारे प्रधानमंत्री ज़मीनी थे.
कर्ज़ से परेशान किसानों की आत्महत्या के मामले थमते नहीं दिख रहे हैं. विभिन्न राज्यों के किसान लगातार आत्महत्याएं कर रहे हैं.
डूबती अर्थव्यवस्था को लेकर कई भाजपा नेता लगातार वित्त मंत्री पर हमला कर रहे हैं, लेकिन जिन आर्थिक फैसलों से यह स्थिति आई है, उन्हें लेने में प्रधानमंत्री की भूमिका पर एक चुप्पी छाई हुई है.
किसान आंदोलन को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ के पांच जिलों में धारा 144 लगा दी गई थी.
घटना यवतमाल ज़िले के टिटवाली गांव की है. उन पर 3 लाख रुपये से ज़्यादा का कर्ज़ था.
वॉशिंगटन में राहुल बोले, नोटबंदी से लाखों छोटे कारोबार तबाह हो गए. नोटबंदी का फ़ैसला आर्थिक सलाहकार या संसद की सलाह के बिना लिया गया. इससे अर्थव्यवस्था को काफ़ी नुकसान हुआ.
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में कायम रहने के लिए समाज को बांटने में लगे हुए हैं.
चुनावी अभियान पर गुजरात पहुंचे राहुल ने कहा, 'मीडिया को किसान और छोटे व्यापारी नहीं चलाते, उसको मोदी जी के दो-चार दोस्त चलाते हैं.'
महाराष्ट्र से भाजपा सांसद नाना पटोले ने दावा किया कि जब हमने किसानों की समस्या पर बात करनी चाही तो मोदी बहुत नाराज़ हो गए और हमें चुप करा दिया.
मोदी जी ने मनमोहन सिंह के लिए कहा था, 'जिस देश के किसान ख़ुदकुशी कर रहे हैं वहां के सत्ताधारी लोगों को नींद कैसे आ सकती है?' अब पता नहीं उन्हें नींद कैसे आती होगी.
भारत सरकार अब इस बात से सहमत है कि खाद्य सब्सिडी को कम से कम किया जाना होगा, इस कारण से पूरी संभावना है कि भारत में रोज़गार, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक गैर-बराबरी का दर्द अब और ज़्यादा बढ़ेगा.
अब खेती में बैलों का उपयोग नहीं होता. बूचड़खाने बंद होने के बाद उन्हें ख़रीदने वाला भी कोई नहीं. बड़ी संख्या में आवारा जानवर खेतों को तबाह कर रहे हैं.