अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग उथली राजनीति है तो नरेंद्र मोदी का देश भर में घूम-घूम कर चुनावी सभाओं में वादा करना उथली राजनीति नहीं थी?
दुनिया के बीस बड़े प्रतिष्ठान खेती और कृषि बाज़ार पर अपना नियंत्रण चाहते हैं. भारत सरकार को अपना पक्ष तय करना होगा.