लॉकडाउन में पुलिस द्वारा कथित तौर पर पीटे जाने से 15 लोगों की मौत: अध्ययन

इनमें से तीन की मौत पुलिस कस्टडी और तीन लोगों की मौत आत्महत्या के कारण हुई. कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर ये आकलन किया है.

बिहार में क्यों निशाने पर हैं आरटीआई कार्यकर्ता?

विशेष रिपोर्ट: एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2005 से लेकर अब तक देशभर में 79 आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है, जिसमें क़रीब 20 फीसदी की हत्याएं केवल बिहार में हुई हैं. साल 2018 में बिहार में पांच आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले सामने आए हैं.

किसी भी राज्य ने पुलिस सुधार पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया

पुलिस सुधारों को लेकर प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार मामले में साल 2006 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए निर्देशों पर कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनीशिएटिव द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है.