दिल्ली स्थित पश्चिम पुरी श्मशान घाट के पास स्थित शहीद भगत सिंह कैंप में तक़रीबन 900 झुग्गियां हैं, जिनमें 1500 लोग रहते हैं. यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि पहले एक दिन में तीन-चार शवों का दाह संस्कार किया जाता था, लेकिन अब 200-250 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. इन लोगों को इससे कोविड-19 महामारी के फैलने का भी ख़तरा सता रहा है.
महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और गोवा से आने वाले लोगों के पास अगर जांच रिपोर्ट नहीं होगी तो उन्हें राज्य में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा.
जर्मनी के मैक्स प्लांक रसायन विज्ञान संस्थान के अध्ययन में कहा गया है कि वायु प्रदूषण और कोविड-19 मृत्यु दर के बीच सीधे जुड़ाव को नहीं दिखता, लेकिन वायु प्रदूषण के कारण इस बीमारी की गंभीरता बढ़ने और स्वास्थ्य संबंधी अन्य जोखिमों के बीच प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संबंध देखा गया है.
भोपाल गैस पीड़ितों के लिए काम रहे चार एनजीओ ने शहर में कोविड-19 से हुई मौतों पर जारी रिपोर्ट में बताया है कि 11 जून तक भोपाल में कोरोना से 60 मौतें हुई थीं, जिनमें से 48 गैस पीड़ित थे.
आईसीएमआर की ओर से कहा गया है कि राज्य परीक्षण क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक क़दम उठाएं, ताकि लक्षण वाले हर व्यक्ति की जांच संभव हो पाए. इससे संक्रमण का जल्द पता लगाने और इसे रोकने में मदद मिलेगी और लोगों की ज़िंदगी बच पाएगी.
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडेहनम ग्रेब्रेयेसस ने कहा कि विषाणु अब भी तेजी से फैल रहा है और भौतिक दूरी, मास्क लगाने तथा हाथ धोने जैसे कदम आज भी महत्वपूर्ण हैं.
उत्तर प्रदेश कैबिनेट द्वारा बुधवार को पारित अध्यादेश में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति जो ‘जानबूझकर’ किसी अन्य व्यक्ति को एक संक्रामक बीमारी से संक्रमित करता है, उसे दो से पांच साल के कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश सरकार के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने कहा है कि यह फैसला राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रण में रखने के इरादे से लिया गया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि कोरोना वायरस के मामले दोगुने होने की दर इस सप्ताह की शुरुआत में 7.5 दिन से सुधरकर 10 दिन हो गई है. बीते 28 दिन में 15 ज़िलों में कोई नया मामला नहीं आया है और 23 राज्यों के 80 ज़िले ऐसे हैं, जिनमें बीते 14 दिन में संक्रमण का कोई मामला नहीं आया है.