हमारी आंखों के सामने रोज़ गायें मर रही हैं. हम हैं कि हिंदू-मुसलमान कर रहे हैं. गाय से इतना बड़ा राजनीतिक धोखा कैसे हो सकता है?
हमारी आंखों के सामने रोज़ गायें मर रही हैं. हम हैं कि हिंदू-मुसलमान कर रहे हैं. गाय से इतना बड़ा राजनीतिक धोखा कैसे हो सकता है?