रोहिंग्या श​रणार्थियों के बच्चे धरती पर नरक का सामना कर रहे हैं: यूनिसेफ

बांग्लादेश के कॉक्स बाज़ार में रह रहे सात लाख शरणार्थियों को हैजे का टीका लगाया गया. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कॉलेज ने जूनियर कॉमन रूम के टाइटल से सू ची का नाम हटाया.

अयोध्या: एक दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात

आज अयोध्या सीता जैसी ही अकेली है. वह नहीं समझ पा रही कि इस उदासी का गिला किससे और कैसे करे? बुधवार की जगर-मगर देखने तो सैकड़ों न्यूज़ चैनल दौड़ पड़े थे, अब उसकी उदासी को खोज-ख़बर लेने वाला कोई नहीं है.

चुनाव आयोग ने गुजरात चुनाव की तारीख़ घोषित करने का अधिकार पीएम मोदी को दे दिया है: चिदंबरम

गुजरात चुनाव का कार्यक्रम नहीं घोषित करने पर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने चुनाव आयोग की आलोचना की.

आॅनलाइन गुंडागर्दी: ट्रोल्स को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है

ट्रोलिंग पर विशेष सीरीज़: जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शहला राशिद बता रही हैं कि सोशल मीडिया पर अब ट्रोलिंग नहीं हो रही है बल्कि गालियां और रेप की धमकी दी जा रही हैं जो कि आपराधिक कृत्य है.

कथित नक्सली का एनकाउंटर और न्याय के लिए भटकती आदिवासी महिला का संघर्ष

झारखंड के गिरिडीह ज़िले में पुलिस द्वारा नक्सली बताकर मारे गए मोतीलाल बास्के की पत्नी पार्वती मुर्मू इंसाफ़ के लिए संघर्ष कर रही हैं.

गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में अक्टूबर के 15 दिनों में 231 बच्चों की मौत

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाओं का दौर जारी है. अगस्त महीने में बच्चों की मौतों को स्वभाविक बताने वाले यूपी सरकार के मंत्री अब इस बारे में चुप्पी साध गए हैं.

हम भी भारत, एपिसोड 05: रोहिंग्या शरणार्थी और भारत

हम भी भारत की पांचवीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी रोहिंग्या शरणार्थी संकट पर म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि रह चुके विजय नांबियार और आॅब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन के वरिष्ठ फेलो मनोज जोशी से चर्चा कर रही हैं.

पतंजलि को सस्ती ज़मीन देने से जुड़ी जानकारी देने वाले दो सूचना अधिकारियों का तबादला

आरोप है कि नागपुर में बाबा रामदेव को फूड पार्क के लिए एक करोड़ रुपये प्रति एकड़ की ज़मीन को सिर्फ 25 लाख रुपये प्रति एकड़ के भाव में दे दिया गया.

ममता जन्मजात विद्रोही हैं, उनकी अनदेखी करना असंभव: प्रणब

प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब में लिखा है, 'ममता ने निडर और आक्रामक रूप से अपना रास्ता बनाया. आज वह जिस मकाम पर हैं, वह उनके संघर्ष का परिणाम है.

क्या योगी सरकार दीयों से ज़्यादा अयोध्यावासियों का दिल जलाना चाहती है?

सही मायने में अयोध्या और यहां रहने वाले लोगों की फ़िक्र किसी को नहीं है. 1,71,000 दीयों वाली सरकारी दीपावली मनाकर योगी सरकार सिर्फ़ अपने एजेंडे को आगे बढ़ा रही है.

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