बहुत कम शायर अवाम की बेचेहरगी और अवसाद को सत्ता के ख़िलाफ़ अपनी आवाज़ बनाने में कामयाब हुए. ऐसे में राहत ने ग़ज़ल के हाशिये में पड़ी भाषा और मुंहफट चरित्रों को सत्ता के सामने खड़ा कर दिया. उनसे पहले भी शायरोंं ने सत्ता को आईना दिखाने की कोशिश की, लेकिन उनकी ग़ज़लें ज़रा ज़्यादा मुंहफट साबित हुईं.
वीडियो: शायर राहत इंदौरी का बीते 11 अगस्त को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वे कोरोना पॉजिटिव भी पाए गए थे. प्रख्यात शायर मुनव्वर राना ने राहत इंदौरी के साथ अपने पुराने दिनों को साझा किया.
डॉक्टरों का कहना है कि मशहूर शायर राहत इंदौरी के फेफड़े 70 फीसदी तक ख़राब हो गए थे. उन्हें हाइपरटेंशन और मधुमेह की भी समस्या थी.
गीतकार योगेश ने राजेश खन्ना की फिल्म आनंद, जया भादुड़ी की फिल्म मिली, अमोल पालेकर की फिल्म रजनीगंधा, छोटी सी बात और बातों बातों में के अलावा अमिताभ बच्चन की फिल्म मंज़िल के लिए यादगार गीत लिखे थे.
फिल्म हैरिटेज फाउंडेशन नाम के संगठन के निदेशक ने बताया कि इन डायरियों में गीतकार साहिर लुधियानवी के रोज़ाना के कार्यक्रम और अन्य निजी बातें दर्ज हैं. उस दौर के संगीतकार रवि, उनके दोस्त और कवि हरबंस द्वारा उन्हें लिखे गए पत्र भी मिले हैं.
संस्मरण: प्रख्यात गीतकार और कवि गोपालदास नीरज ख़ुद को जनता का कवि कहते थे. उनका मानना था कि जीवन को जीने के लिए मार्क्स को भी मानना होगा और कबीर को भी.
नई दिल्ली स्थित एम्स में गोपालदास नीरज ने ली अंतिम सांस. सीने में संक्रमण की शिकायत थी. 1991 में पद्मश्री, 1994 में यश भारती, 2007 में पद्मभूषण सम्मान से नवाज़ा गया था.