गुजरात के गोधरा में साबरमती ट्रेन में आग लगाए जाने के एक दिन बाद 28 फरवरी, 2002 को अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में 68 लोग मारे गए थे. दंगों में मारे गए इन लोगों में ज़किया जाफ़री के पति एहसान जाफ़री भी शामिल थे. घटना के क़रीब 10 साल बाद आठ फरवरी, 2012 को एसआईटी ने मोदी तथा 63 अन्य को क्लीनचिट देते हुए ‘क्लोज़र रिपोर्ट’ दाख़िल की थी.
2002 के गुजरात दंगा पीड़ितों के रिश्तेदारों द्वारा दायर तीन दीवानी मामलों में से प्रतिवादी के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम हटाने का आदेश देते हुए एक तालुका अदालत ने कहा कि वादी यह स्थापित करने के लिए कोई सामग्री नहीं ले आ पाए, जो यह स्थापित करती हो कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी अपराध की जगह पर मौजूद थे.
गुजरात दंगों के बाद की गई कुछ रिकॉर्डिंग्स बताती हैं कि किस तरह संघ परिवार के सदस्यों को पब्लिक प्रॉसिक्यूटर्स के बतौर नियुक्त किया गया, जिन्होंने उन मामलों को 'सेटल' करने में मदद की, जिनमें आरोपी हिंदू थे. अब दिल्ली दंगों के मामले में केंद्र सरकार अपनी पसंद के पब्लिक प्रॉसीक्यूटर चुनना चाहती है.
इस मामले में पूर्व भाजपा मंत्री माया कोडनानी भी आरोपी हैं. साल 2002 में गोधरा कांड के बाद नरोदा पटिया में हुए दंगो में अल्पसंख्यक समुदाय के 11 लोगों की मौत हुई थी.
गोधरा ट्रेन नरसंहार के अगले दिन 28 फरवरी 2002 की रात को सरदारपुरा गांव में अल्पसंख्यक समुदाय के 33 लोगों को ज़िंदा जला दिया गया था, जिसमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे.
2002 में गुजरात के गोधरा में हुए दंगों की जांच को लेकर गठित नानावटी आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा है कि फरवरी 2002 में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगने के बाद गोधरा में भड़के दंगे सुनियोजित नहीं थे.
इस साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई बिलकिस बानो को मुआवज़ा और अन्य सुविधाएं देने का आदेश दिया था. बिलकिस ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि अब तक राज्य सरकार ने ऐसा नहीं किया है.
वीडियो: गुजरात दंगों पर आधारित किताब ‘द एनाटमी ऑफ हेट’ की लेखिका वरिष्ठ पत्रकार रेवती लाल से द वायर हिंदी के कार्यकारी संपादक बृजेश सिंह की बातचीत.
बीते एक महीने में ही बहुमत से दोबारा सत्ता में आई नरेंद्र मोदी सरकार ने जता दिया है कि अपनी आलोचना के प्रति सहिष्णुता दिखाने का उसका कोई इरादा नहीं है.
चुनाव आयोग द्वारा नरेंद्र मोदी पर बनी फिल्म पर रोक लगाने समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.
2002 के गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार के पीड़ित इम्तियाज़ पठान ने गुजरात के खेड़ा और फ़िरोज़ पठान ने गांधीनगर लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाख़िल कर दिया है.
साल 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में बाबू बजरंगी दोषी क़रार दिए जाने के बाद 21 साल की सजा काट रहे हैं. दंगे भड़कने के बाद अहमदाबाद के नरोदा पाटिया क्षेत्र में 28 फरवरी 2002 को भीड़ ने 97 लोगों की हत्या कर दी थी.
गोधरा रेलवे स्टेशन पर 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच को आग लगा दी गई थी. इसमें 59 लोगों की जान गई थी, जिनमें से सात लोगों की अब तक शिनाख्त नहीं हो पाई. इस घटना के बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगा भड़क उठा था.
साल 2002 में गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगने के एक दिन बाद राज्य में भड़के दंगों में अहमदाबाद के नरोदा पाटिया क्षेत्र में भीड़ ने 97 लोगों की हत्या कर दी. मारे गए ज़्यादातर लोग अल्पसंख्यक समुदाय के थे.
गोवर्धन झड़ापिया पर आरोप लगे थे कि उन्होंने गुजरात में हुए मुस्लिम विरोधी दंगों को रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया.