जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता लिसिप्रिया कंगुजम ने कहा कि अगर सरकार मेरी आवाज़ नहीं सुन सकती तो आप मुझे इसमें शामिल नहीं करें. मुझे अन्य प्रेणादायक महिलाओं के साथ शामिल करने के लिए शुक्रिया लेकिन मैंने इस सम्मान को अस्वीकार करने का फैसला किया है.
जलवायु परिवर्तन के प्रकोपों को गुटों की कूटनीति में बंट कर नहीं, बल्कि मानवता का सामूहिक संकट समझ कर ही जूझा जा सकता है.