सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठतम जजों में से एक जस्टिस इंदु मल्होत्रा की सेवानिवृत्ति पर आयोजित एक कार्यक्रम में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश की विविधता अदालतों में भी झलकनी चाहिए. वैविध्य भरी न्यायपालिका लोगों में अधिक विश्वास की भावना लाती है.
सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने कहा कि अध्यादेश क़ानून बनाने का आदर्श तरीका नहीं है, क़ानून बहस के जरिए लाया जाना चाहिए क्योंकि उससे उसकी कमियां दूर करने में मदद मिलती है.
सबरीमाला मंदिर मामले में अन्य 4 जजों से सहमत न होते हुए पीठ की एकमात्र महिला जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने कहा कि धार्मिक प्रथाओं को केवल समानता के अधिकार के आधार पर नहीं परखा जा सकता.
केंद्र सरकार ने अप्रैल महीने में जस्टिस केएम जोसेफ के नाम की सिफ़ारिश संबंधी फाइल कॉलेजियम को पुनर्विचार के लिए प्रधान न्यायाधीश को लौटा दी थी और जस्टिस इंदु मल्होत्रा के नाम को मंज़ूरी दे दी थी.