आईआईटी मद्रास से फिजिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे जर्मन छात्र जैकब लिंडेनथल ने कहा है कि वे नागरिकता क़ानून और एनआरसी के ख़िलाफ़ कैंपस में हुए एक प्रदर्शन में शामिल हुए थे, जिसके बाद उन्हें चेन्नई में विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय से भारत छोड़ने के निर्देश मिले.
गायक और सामाजिक कार्यकर्ता ज़ुबिन गर्ग ने कहा कि असम का यह सामाजिक-सांस्कृतिक सौहार्द कुछ ऐसा है, जिसे भाजपा पसंद नहीं करती, इसलिए नागरिकता संशोधन क़ानून के ज़रिये वे राज्य को हिंदू-मुस्लिम और असमिया-बंगाली के बीच बांटना चाहते हैं.