जेएनयू प्रशासन के अनिवार्य उपस्थिति संबंधी फ़ैसले को शिक्षकों ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. कोर्ट ने 7 दिन के अंदर विश्वविद्यालय से जवाब देने को कहा.
जेएनयू प्रशासन द्वारा उपस्थिति अनिवार्य करने के फैसले का विरोध एबीवीपी, एनएसयूआई, बापसा समेत जेएनयू के प्रमुख छात्र संगठन कर रहे हैं.
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, घरों में भोजन के टेबल दो हिस्से में बंट गए हैं. अगर कोई पिता धर्मनिरपेक्षता का पक्ष लेता है, तो बेटा उसे पाकिस्तान समर्थक बता देता है.
हम भी भारत की पहली कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी देश में छात्र राजनीति की दशा-दिशा पर जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शहला राशिद, एबीवीपी की जाह्नवी ओझा और पत्रकार सृष्टि श्रीवास्तव से चर्चा कर रही हैं.