अमेरिकी खाद्य एवं दवा नियामक (एफडीए) ने भारत बायोटेक के अमेरिकी साझेदार ओक्यूजेन इंक को सलाह दी है कि वह भारतीय वैक्सीन के इस्तेमाल की मंज़ूरी हासिल करने के लिए अतिरिक्त आंकड़ों के साथ जैविक लाइसेंस आवेदन (बीएलए) पाने के लिए अनुरोध करे. ऐसे में कोवैक्सीन को अमेरिकी मंज़ूरी मिलने में थोड़ा और वक़्त लग सकता है.
कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतर को थोड़ा कम करने की बात कहने वाले कुछ अध्ययनों की ख़बरों के संदर्भ में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि इस तरह की चिंताओं पर बिना हड़बड़ी के संतुलित रुख़ की ज़रूरत है. बीते महीनों में कोविशील्ड की खुराकों के बीच का समयांतर दो बार बढ़ाया गया है.
भारत में बीते एक दिन में कोविड-19 के नए मामले लगातार पांचवें दिन एक लाख के आंकड़े से कम हैं. देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 29,359,155 हो गए हैं और मृतकों की संख्या 367,081 पर पहुंच गई है. दुनियाभर में संक्रमण के मामले 17.52 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं और 37.85 लाख से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं.
एकाधिक मूल्य निर्धारण, यानी केंद्र के लिए एक मूल्य और निजी अस्पतालों के लिए अलग मूल्य - किसी भी तर्क के विपरीत है. राष्ट्रीय आपातकाल के समय में ऐसा करना निर्माताओं को अधिक लाभ अर्जित करने की अनुमति देना है और सौदे पर बातचीत करने वाले दोनों पक्षों की ओर से संदिग्ध उद्देश्यों की बू आती है.
बॉम्बे हाईकोर्ट उन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है जिसमें 75 वर्ष से अधिक आयु और विशेष रूप से सक्षम लोगों को घर जाकर टीका लगाने का अनुरोध किया गया है. केंद्र ने कहा है कि ऐसा करना संभव नहीं है. पीठ ने कहा कि जब केरल और जम्मू कश्मीर जैसे राज्य ऐसे अभियान चला रहे हैं तो केंद्र को क्या दिक्कत है.
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सात जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीकाकरण नीति में बदलाव की घोषणा की और पुरानी नीति के लिए राज्यों को ज़िम्मेदार ठहरा दिया. हालांकि ऑल्ट न्यूज़ की पड़ताल बताती है कि दो मुख्यमंत्रियों के बयानों को छोड़ दें, तो किसी भी राज्य ने ख़ुद वैक्सीन खरीदने की मांग नहीं की थी.
भारत में लगातार चौथे दिन एक दिन में कोविड-19 के एक लाख से कम मामले सामने आए हैं. कुल मामलों की संख्या 2,92,74,823 हो गई है और मृतक संख्या बढ़कर 3,63,079 हो गई. वहीं, दुनियाभर में संक्रमण के 17.48 करोड़ से ज़्यादा मामले आ चुके हैं और 37.73 लाख से अधिक लोगों जान गई है.
वीडियो: दिल्ली के छावला गांव में कोरोना वायरस से अब तक 30 लोगों की मौत हो गई है. इलाज तो दूर इस गांव में इसके संक्रमण की जांच तक नहीं हो रही है. द वायर की टीम ने वहां के लोगों से बात कर हालात जानने की कोशिश की.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर हो गई 29,183,121 हो गई है. बिहार में मौत के आंकड़ों में संशोधन के बाद राष्ट्रीय स्तर पर यह संख्या 359,676 हो गई है. विश्व में संक्रमण के 17.44 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं, जबकि 37.58 लाख से अधिक लोग इसकी चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं.
सरकार को घर-घर टीकाकरण कार्यक्रम चलाने का निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार का रुख़ सीमाओं पर खड़े होकर वायरस के आने का इंतज़ार करने की बजाय ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करने जैसा होना चाहिए. एक अन्य मामले में अदालत ने सरकार से पूछा है कि जिन लोगों के पास निर्धारित सात पहचान पत्र नहीं है, वे टीकाकरण के लिए क्या करें, इसके लिए क्या क़दम उठाए गए हैं.
भारत में कोरोना वायरस महामारी के कुल मामलों का आंकड़ा 29,089,069 हो गया है और इसकी चपेट में आकर अब तक 353,528 लोग जान गंवा चुके हैं. दुनिया में संक्रमण के कुल मामले 17.40 करोड़ से ज़्यादा है, जबकि 37.48 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
वीडियो: ग्रामीण क्षेत्रों में 45 से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है, लेकिन गांवों में इसे लेकर उत्साह और जागरूकता की कमी है. इस मुद्दे पर प्रोफेसर गगनदीप कांग से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने निजी टीकाकरण केंद्रों के लिए कोविशील्ड की एक खुराक की अधिकतम कीमत 780 रुपये जबकि कोवैक्सीन की एक खुराक के लिए 1,410 रुपये और स्पुतनिक-वी की एक खुराक की कीमत 1,145 रुपये तय की. मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा कि ज़्यादा शुल्क वसूले जाने पर निजी टीकाकरण केंद्रों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाए.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोविड-19 के कारण माता-पिता में से किसी एक या फ़िर दोनों को खोने वाले बच्चों में 15,620 लड़के, 14,447 लड़कियां और चार ट्रांसजेंडर शामिल हैं. इनमें से अधिकतर बच्चे आठ से 13 आयु वर्ग के हैं. महाराष्ट्र में ऐसे बच्चों की संख्या सर्वाधिक है. इसके बाद उत्तर प्रदेश में और राजस्थान हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना काल में अभिभावक को खोने वाले या बेसहारा, अनाथ हुए बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के लिए कई निर्देश जारी करते हुए कहा कि अनाथ बच्चों को गोद लिए जाने का आमंत्रण देना कानून के प्रतिकूल है, क्योंकि केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण की भागीदारी के बिना गोद लेने की अनुमति नहीं है.