भारत-पाकिस्तान ने चाहा तो कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता कर सकता हूं: ट्रम्प

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने बीते सप्ताह कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर उनसे मध्यस्थता का आग्रह किया था. भारत ने ट्रम्प के दावे और किसी भी तरह की मध्यस्थता की बात ख़ारिज करते हुए कहा था कि यह द्विपक्षीय मुद्दा है, जिसमें किसी मध्यस्थ की ज़रूरत नहीं है.

उत्तर कोरिया में कदम रखने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बने ट्रंप, किम जोंग उन से की मुलाकात

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन से यह मुलाकात दक्षिण और उत्तर कोरिया को बांटने वाले असैन्यीकृत क्षेत्र में हुई है.

प्रधानमंत्री जी! ‘धूल चेहरे पर थी और आईना साफ करता रहा’ आप पर भी चरितार्थ होता है

मोदी सरकार और उनके समर्थक लगातार मीठा-मीठा गप और कड़वा-कड़वा थू की कहावत को चरितार्थ करते नज़र आ रहे हैं. विचार या निष्कर्ष उनके अनुकूल हुए तो उसके सौ खोट भी सिर माथे और प्रतिकूल हुए तो ईमानदार विश्लेषण भी टके सेर.

अमेरिका ने भारत के लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा समाप्त किया

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत ने अमेरिका को अपने बाज़ार तक समान और तर्कपूर्ण पहुंच बनाने का आश्वासन नहीं दिया है, इसलिए पांच जून, 2019 से भारत को प्राप्त लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा समाप्त करना बिल्कुल सही है.

पत्रकार जमाल ख़शोगी की हत्या के लिए संभवत: दुनिया ज़िम्मेदार: डोनाल्ड ट्रंप

तुर्की की ओर से कहा गया है कि जमाल ख़शोगी हत्याकांड के प्रति आंखें मूंदना चाह रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. जमाल ख़शोगी की बीते दो अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल शहर स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी गई थी.

सीएनएन ट्रंप के सामने खड़ा हो सकता है, तो भारतीय मीडिया सत्ता से सवाल क्यों नहीं कर सकता?

भारत के ज़्यादातर पत्रकार आज़ाद नहीं हैं बल्कि मालिक के अंगूठे के नीचे दबे हैं. वह मालिक, जो राजनेताओं के सामने दंडवत रहता है.

सीआईए ने जमाल ख़शोगी की हत्या के पीछे सऊदी अरब के शहज़ादे का हाथ बताया: रिपोर्ट

बीते दो अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में दाख़िल होने के बाद से जमाल ख़शोगी लापता हो गए थे. दूतावास में ही उनकी हत्या कर दी गई थी. द वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह तय है कि सऊदी अरब के शहज़ादे के बिना जानकारी या संलिप्तता के यह नहीं हुआ.

ट्रंप को झटका, कोर्ट ने पत्रकार के ह्वाइट हाउस में प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटाया

बीते दिनों ह्वाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएनएन के पत्रकार के सवाल पूछने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जवाब देने के बजाय अभद्रता करते नज़र आए और पत्रकार का प्रेस पास रद्द कर दिया गया था.

समाचार चैनल सीएनएन ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और ह्वाइट हाउस के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराया

ह्वाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएनएन के पत्रकार के सवाल पूछने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जवाब देने के बजाय अभद्रता करते नज़र आए और पत्रकार का प्रेस पास रद्द कर दिया गया था, सीएनएन ने इसे लोकतंत्र के लिए ख़तरा बताया था.

पत्रकार के सवाल पर उखड़े राष्ट्रपति ट्रंप, ह्वाइट हाउस ने पत्रकार का प्रेस पास रद्द किया

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएनएन के पत्रकार द्वारा सवाल पूछने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जवाब देने के बजाय अभद्रता करते नज़र आए. इस पूरे घटनाक्रम को सीएनएन ने लोकतंत्र के लिए ख़तरा बताया है.

मैं चाहता हूं कि अमेरिका में जन्मे बच्चों का नागरिकता पर जन्मजात अधिकार ख़त्म हो: ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘अमेरिका दुनिया में एकमात्र ऐसा देश है जहां एक व्यक्ति आता है, बच्चे पैदा करता है और बच्चा अनिवार्य रूप से अमेरिका का नागरिक बन जाता है.’

सऊदी अरब ने माना, तुर्की स्थित उसके दूतावास में पत्रकार जमाल ख़शोगी की मौत हो गई

पिछले दो अक्टूबर से लापता थे द वॉशिंगटन पोस्ट में कॉलम लिखने वाले पत्रकार जमाल ख़शोगी. आख़िरी बार तुर्की स्थित सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास में देखा गया था. पत्रकार की मौत होने की आशंका से सऊदी अरब लगातार कर रहा था इनकार.

लापता पत्रकार जमाल ख़शोगी की कोई सूचना नहीं, इस्तांबुल में सऊदी दूतावास की दोबारा तलाशी

द वॉशिंगटन पोस्ट सहित कई मीडिया इकाइयों के लिए लिखने वाले पत्रकार जमाल ख़शोगी की हत्या होने की आशंका. दो अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल शहर स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में दाख़िल होने के बाद से लापता हैं.

क्या भारत के बड़े अख़बार प्रेस की आज़ादी पर छोटे अख़बारों के हक़ में संपादकीय लिख सकते हैं?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार प्रेस पर हमला करते रहते हैं. अमेरिकी प्रेस ने इसके ख़िलाफ जम कर लोहा लिया है. अख़बार बोस्टन ग्लोब के नेतृत्व में 300 से अधिक अख़बारों ने एक ही दिन प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर संपादकीय छापे हैं.