अक्टूबर 2019 में एनटीपीसी विंध्याचल का ऐश डैम टूटने के बाद क़रीब 35 लाख मीट्रिक टन से ज़्यादा राख रिहंद जलाशय में गिरी थी. यह जलाशय सिंगरौली और सोनभद्र ज़िलों के पीने योग्य पानी का एकमात्र स्रोत है. एनजीटी में दायर याचिका में एनटीपीसी पर लापरवाही का आरोप लगाया गया था.
बीते एक जुलाई को तमिलनाडु के नेवेली स्थित एनएलसी इंडिया के थर्मल संयंत्र-2 में हुए विस्फोट में 13 कामगारों की मौत हुई थी और दस घायल हुए थे. एनजीटी का कहना है कि संपूर्ण जवाबदेही के सिद्धांत के तहत औद्योगिक इकाई को अंतरिम मुआवज़ा देना होगा.
बीते एक जुलाई को तमिलनाडु के नेवेली स्थित एनएलसी इंडिया के थर्मल संयंत्र -2 की पांचवीं इकाई में परिचालन शुरू करने की प्रक्रिया में विस्फोट हुआ था, जिसमें छह श्रमिकों की मौके पर मौत हो गई थी और 17 लोग घायल हो गए थे.
तमिलनाडु के नेवेली में स्थित एनएलसी इंडिया के थर्मल बिजली स्टेशन में पिछले दो महीने में यह दूसरा हादसा है. मृतकों की उम्र 25 से 42 साल के बीच है और सभी अनुबंध पर काम करने वाले श्रमिक थे.
द वायर एक्सक्लूसिव: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिन थर्मल पावर प्लांट की सात इकाइयों के प्रदूषण स्तर की निगरानी की थी, उनमें से पांच निर्धारित मानकों का पालन कर रही थीं. अडानी पावर की दो इकाइयां इन मानकों पर खरी नहीं पाई गईं. 17 मई को पर्यावरण मंत्रालय ने प्रदूषण बोर्ड की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए थर्मल पावर प्लांट के वायु प्रदूषण मानक को हल्का करने की सैद्धांतिक मंज़ूरी दे दी.