पश्चिम बंगाल के एक मदरसा टीचर का कहना है कि यह घटना 20 जून को उस समय हुई, जब वह ट्रेन से दक्षिण 24 परगना जिले से हुगली जा रहे थे. आरोप है कि ट्रेन में कुछ लोग जय श्री राम के नारे लगा रहे थे, उन्होंने उन्हें भी नारे लगाने को कहा, इनकार करने पर मारपीट की गई और ट्रेन से धक्का दे दिया गया.
आपातकाल के 44 साल बाद इन सेंसर-आदेशों को पढ़ने पर उस डरावने माहौल का अंदाज़ा लगता है जिसमें पत्रकारों को काम करना पड़ा था, अख़बारों पर कैसा अंकुश था और कैसी-कैसी ख़बरें रोकी जाती थीं.
सोहराबुद्दीन शेख़ को वर्ष 2005 में कथित तौर पर फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मारा गया था. वर्ष 2018 में एक विशेष अदालत ने गुजरात और राजस्थान के पुलिस अधिकारियों सहित 22 लोगों को इस मामले में बरी कर दिया था.
अंतरराष्ट्रीय डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ फीचर-लेंथ डॉक्यूमेंट्री का पुरस्कार पा चुकी 'विवेक' दक्षिणपंथी उग्रवादी हिंसा और दलित आंदोलन पर आधारित है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का दावा है कि इस फिल्म के प्रदर्शन से क़ानून- व्यवस्था में समस्या पैदा हो सकती है.
झारखंड के सरायकेला खरसावां ज़िले में 17 जून को चोरी के शक में तबरेज़ अंसारी की बेरहमी से घंटों पिटाई की गई, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया. उनसे जबरन 'जय श्री राम' और 'जय हनुमान' के नारे भी लगवाए गए थे.
देश की सबसे बड़ी सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल ने सरकार से कहा कि कंपनी नकदी के संकट से जूझ रही है और कामकाज जारी रखने के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं.
लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाने वाली शिकायतों पर किए गए फैसलों पर चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने असहमति व्यक्त की थी.
75 वर्षीय मदन लाल सैनी कैंसर से पीड़ित थे. कुछ दिन पहले ही उन्हें नई दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था.
राजस्थान के बाड़मेर ज़िले के बालोतरा कस्बे के पास जसोल धाम गांव स्थित एक स्कूल में रविवार को रामकथा चल रही थी. इसी दौरान बारिश और तेज़ अंधड़ आने से पंडाल गिर गया था.
यह रिपोर्ट तीन आर्थिक और वित्तीय शोध संस्थानों- राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान, राष्ट्रीय व्यावहारिक आर्थिक शोध परिषद और राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंध संस्थान के अध्ययनों के आधार पर रखी गई है.
घटना शाहजहांपुर ज़िले की एक गांव की है. मूंगफली को लेकर विवाद हुआ था. इसको लेकर दो पक्षों के बीच पंचायत हो रही थी, तभी एक पक्ष ने गोली चला दी. घटना से आक्रोशित भीड़ ने दूसरे पक्ष के एक व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला.
क़ानून का राज होने के बाद भी भीड़ का राज क़ायम है. इस भीड़ को धर्म, जाति और परंपरा के नाम पर छूट मिली है. किसी औरत को डायन बताकर मार देती है, जाति तोड़कर शादी करने वालों की हत्या कर देती है. इसी कड़ी में अब यह शामिल हो गया है कि अपराध करने वाला या झगड़े की ज़द में आ जाने वाले मुसलमान को जय श्री राम के नाम पर मार दिया जाएगा.
एक आरटीआई के जवाब में बीएमसी ने बताया कि मुख्यमंत्री के आधिकारिक बंगले 'वर्षा' पर लगभग साढ़े सात लाख रुपये का पानी का बिल बकाया है, जिसके लिए उन्हें डिफॉल्टर घोषित किया गया है. डिफॉल्टरों की सूची में मुख्यमंत्री के अलावा पंकजा मुंडे, एकनाथ शिंदे, विनोद तावड़े जैसे बड़े नेताओं के नाम भी शामिल हैं.
वीडियो: हम भी भारत की इस कड़ी में एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर चुनाव आयोग के पूर्व क़ानूनी सलाहकार एसके मेंदिरत्ता, स्वराज इंडिया पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव और द वायर के पॉलिटिकल एडिटर अजय आशीर्वाद से चर्चा कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस एसएन शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ के आदेशों का कथित उल्लंघन करते हुए एक निजी कॉलेज को 2017- 18 के शैक्षणिक सत्र में छात्रों को नामांकन देने की अनुमति दी थी.